कभी आतंकवाद का गढ़ रहे कश्मीर घाटी के कुलगाम, श्रीनगर और पुलवामा जैसे जिलों के बच्चे अब डॉक्टर बनकर लोगों का दर्द दूर करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के मंगलवार को घोषित नतीजों में सफलता हासिल करने वालों में कुलगाम के एक इमाम की दो जुड़वां बेटियां भी शामिल हैं।
इसके अलावा श्रीनगर की दो जुड़वां व एक चचेरी बहन की तिकड़ी और घरों में दिहाड़ी पर पेंटिंग करने वाला छात्र भी शामिल है। केंद्रशासित प्रदेश में नीट के टॉपर पुलवामा के अब्दुल बासित हैं, जिन्होंने 720 में से 705 अंक हासिल कर देशभर में 110वां रैंक हासिल की।
तीन बहनों ने एकसाथ पाई कामयाबी
पुराने श्रीनगर में जुड़वां बहनें रूतबा बशीर और तूबा बशीर ने अपनी चचेरी बहन अर्बिश के साथ नीट की परीक्षा पास की है। तीनों ने बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देखा था। वे साथ ही पढ़ती थीं और उनमें स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा की भावना थी। रूतबा ने बताया कि स्कूल के दिनों में उन्हीं तीनों में से कोई न कोई टॉप करता था। तीनों ने एक कोचिंग से नीट की तैयारी की थी।
जुड़वां बहनें डॉक्टर बन करना चाहती हैं सेवा
कुलगाम जिले के इमाम की जुड़वां बेटियों सैयद साबिया और सैयद बिस्माह ने पहले ही प्रयास में कामयाबी पाई। साबिया और बिस्माह ने नीट में क्रमश: 625 और 570 अंक हासिल किए हैं। परिणाम घोषित होने के बाद बधाई देने के लिए उनके घर पर रिश्तेदारों, पड़ोसियों और शुभचिंतकों की भीड़ लग गई। दोनों ने सफलता के पीछे परिवार के सदस्यों, शिक्षकों को श्रेय दिया।
साबिया ने कहा, बचपन से ही माता-पिता ने साथ दिया। स्कूल के दिनों में शिक्षकों ने विश्वास दिलाया कि जीवन में कुछ बड़ा कर सकती हैं। बिस्माह ने कहा कि नतीजे घोषित होने से पहले हम दोनों घबराई हुई थीं। पढ़ाई के दौरान एक-दूसरे की बहुत मदद करती थीं। मैं चाहती हूं कि हम दोनों अच्छी डॉक्टर बनें और लोगों की सेवा करें।
दिन में दिहाड़ी पर पेंटिंग, रात में पढ़ाई
पुलवामा के छात्र उमर अहमद गनी ने लोगों के घरों में दिहाड़ी पर पेंटिंग का काम करते हुए नीट की तैयारी की। उमर को नीट में 601 अंक मिले हैं। वह कहते हैं, पैसे नहीं थे इसलिए कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकता था। दिन में मजदूरी के बाद रात में पढ़ता था। उमर ने कहा कि जब उसे नीट के परिणाम की जानकारी मिली उस समय भी वह एक घर में पेंट कर रहे थे। उमर दो साल से नीट की तैयारी कर रहे थे।