Sunday, December 22, 2024
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पीएम मोदी ने सेट कर दिया 2024 चुनाव का एजेंडा, गांव, किसान, मुसलमान और UCC

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बूथ लेवल कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर चुन-चुनकर वार किए. पीएम मोदी के पूरे संबोधन के दौरान फोकस गांव, किसान, मुसलमान, भ्रष्टाचार, यूनिफॉर्म सिविल कोड पर रहा जिसके चुनावी मायने निकाले जाने लगे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारवाद को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कहा कि अगर आपको अपने बेटे-बेटियों की चिंता हो तो बीजेपी को वोट दें. पीएम मोदी ने विपक्षी दलों को परिवारवाद और भ्रष्टाचार के मसले पर घेरा तो वहीं युद्ध के दौर में भी महंगाई के नियंत्रित होने का दावा किया. पीएम ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी दो बार घटाने का भी जिक्र किया और विपक्ष पर बेवजह हो-हल्ला करने का आरोप लगाया.

पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत योजना और जेनरिक दवा की दुकानों के कारण लोगों को हो रही बचत के आंकड़े भी गिनाए. पीएम मोदी ने कल्याणकारी योजनाओं को लेकर लोगों के बीच जाने का संदेश दिया. प्रधानमंत्री के पूरे संबोधन का सार देखें तो केंद्र में गांव, किसान, मुसलमान, भ्रष्टाचार और यूनिफॉर्म सिविल कोड ही रहे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत 2047 तक तभी विकसित होगा जब गांव विकसित होगा. उन्होंने लाभार्थियों को लेकर कहा कि हमारा लक्ष्य किसी लाभार्थी को एक योजना का लाभ देना नहीं बल्कि शत-प्रतिशत कवरेज का है. वह जिस भी योजना के लिए पात्र है, उस योजना का लाभ पाना उसका अधिकार है. पीएम ने बूथ कार्यकर्ताओं को ये देखने के लिए कहा कि कोई लाभार्थी किस-किस योजना के लिए पात्र है. इससे लोगों की सेवा भी हो जाएगी और बीजेपी का काम भी.

पीएम मोदी के गांव पर फोकस के पीछे राजनीति के जानकार मुख्य रूप से तीन वजहें मान रहे हैं. पहला ये कि गांवों में सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या अधिक है. दूसरा कभी शहरी क्षेत्र की पार्टी मानी जाने वाली बीजेपी ने 2014 चुनाव के बाद से ग्रामीण इलाकों में भी लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और इसे बरकरार रखने की कोशिश है. तीसरी वजह है ग्रामीण इलाकों की लोकसभा सीटें, ग्रामीण वोटर का की फैक्टर होना.

राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी कहते हैं कि 543 सदस्यीय लोकसभा की आधी से भी अधिक (करीब 300) सीटें ग्रामीण इलाकों से हैं. अर्ध शहरी क्षेत्र की सीटें भी मिला लें तो ऐसी सीटों की संख्या 350 से ज्यादा हो जाती है. देश की आधे से अधिक आबादी गांवों में रहती है. ग्रामीण मतदाता किसी भी दल को सत्ता तक पहुंचाने, सत्ता से हटाने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. पीएम मोदी का गांवों पर फोकस 2014 के चुनाव से बीजेपी के साथ आए ग्रामीण वोटर को अपने साथ बनाए रखने की कोशिश का ही हिस्सा है.

वे आगे कहते हैं कि जीत की हैट्रिक लगाने के लिए बीजेपी की रणनीति में सरकारी योजनाओं के लाभार्थी अहम हैं. आयुष्मान भारत से लेकर फ्री राशन और उज्ज्वला जैसी केंद्र की महत्वाकांक्षी योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या भी ग्रामीण इलाकों में ही अधिक है. ऐसे में पीएम का संदेश साफ है, 2024 के चुनाव में बीजेपी का फोकस ग्रामीण इलाकों की सीट, ग्रामीण मतदाता पर होगा.

किसान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार किसानों का जिक्र किया. पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि से लेकर फसल बीमा योजना तक की चर्चा कर किसानों के कल्याण के लिए सरकार के कदम गिनाए और विपक्षी कांग्रेस पर भी वार किया. पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस की एक ही नीति थी. पहले किसानों को संकट में पड़ने दो और फिर कर्जमाफी के नाम पर झूठ बोलकर वोट की फसल काटो.

पीएम का ये दांव कांग्रेस के कर्जमाफी के वादे, किसानों की नाराजगी दूर करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. कांग्रेस मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में सरकार बनने पर कर्ज माफ करने का वादा करती रही है. एमएसपी पर कानून को लेकर भी किसान सरकार से नाराज चल रहे हैं. तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सड़कों पर उतर आए थे और लंबे आंदोलन के बाद केंद्र सरकार को ये कानून वापस लेने पड़े थे. लोकसभा चुनाव में किसान अगर छिटका तो सत्ता की राह बीजेपी के लिए मुश्किल हो सकती है और इसी को देखते हुए पीएम मोदी ने अब किसानों को पुराने दिन याद दिलाने के साथ ही अपनी सरकार की ओर से उठाए गए कदम भी याद दिला दिए हैं.

मुसलमान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों की भी बात की, पसमांदा मुसलमानों की स्थिति का जिक्र किया. पीएम मोदी ने तीन तलाक के पक्ष में बात करने वालों को भी आड़ेहाथों लिया और कहा कि वोटबैंक के भूखे लोग मुस्लिम बेटियों के साथ अन्याय कर रहे हैं. तीन तलाक अगर इस्लाम का जरूरी अंग है तो कतर, जॉर्डन, इंडोनेशिया जैसे देशों ने इसे क्यों बंद किया.

पीएम मोदी के पसमांदा मुसलमान, तीन तलाक पर फोकस को लेकर वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर श्रीराम त्रिपाठी कहते हैं कि बीजेपी अब हार्ड हिंदुत्व की अपनी इमेज से बाहर आना चाह रही है. मुस्लिम समाज में उपेक्षित पसमांदा मुसलमान बीजेपी की रणनीति के केंद्र में हैं. पार्टी शायद ये समझ रही है कि हिंदुत्व के नाम पर जितने हिंदू साथ आ सकते थे, उतने आ चुके. अब कुछ छिटक सकते हैं और ऐसे में अगर कुछ पसमांदा मुस्लिम भी साथ आ गए तो ये आइसक्रीम के ऊपर चेरी वाली बात होगी.

यूनिफॉर्म सिविल कोड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी खुलकर बात की, विपक्ष पर भड़काने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भारत के मुसलमान भाई-बहनों को ये समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उनको भड़काकर राजनीतिक फायदा ले रहे हैं. पीएम ने यूसीसी के संकेत देते हुए कहा कि एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल पाएगा क्या? ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?

उन्होंने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने के लिए बार-बार कहता रहा है. पीएम मोदी का ये बयान इस बात का संकेत माना जा रहा है कि यूसीसी 2024 के चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकता है. हालांकि, ये राम मंदिर या जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसे मुद्दों की तरह वोट दिलाने में कितना सफल होगा? ये बड़ा सवाल है.
भ्रष्टाचार

पीएम मोदी ने विपक्षी एकजुटता को लेकर पटना में हुई बैठक को लेकर भी तंज किया. पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार और चुनाव से पहले गारंटी देने को लेकर भी कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. पीएम ने पटना में जुटे दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि ये सभी विपक्षी दल भ्रष्टाचार की, लाखों करोड़ रुपये के घोटालों की गारंटी हैं. कुछ दिन पहले इनका एक ‘फोटो ऑप’ कार्यक्रम हुआ. उस फोटो में जो लोग हैं उन सब का मिल कर टोटल करेंगे तो ये 20 लाख करोड़ रुपये के घोटाले की गारंटी हैं. कांग्रेस का अकेले ही लाखों करोड़ का घोटाला है.

प्रधानमंत्री टू जी से लेकर कोल तक, यूपीए सरकार के घोटालों की लिस्ट भी गिना दी. पीएम ने अपनी ओर से भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की गारंटी देते हुए ये भी कहा कि कुछ लोग बस अपने दल का भला करना चाहते हैं क्योंकि उनको कमीशन का, कट मनी का हिस्सा मिलता है.ये तुष्टिकरण का रास्ता है. हमारी प्राथमिकता देश है और हम संतुष्टिकरण के रास्ते पर चलते हैं.

पीएम मोदी ने रणनीति साफ कर दी है कि अगर विपक्ष एकजुट होकर मैदान में एनडीए का मुकाबला करने आता है तो पार्टी भ्रष्टाचार के मुद्दे को धार देने, चुनाव को तुष्टिकरण बनाम संतुष्टिकरण का रूप देने की रणनीति पर चलेगी. हालांकि, पिछले 10 साल से केंद्र में बीजेपी की ही सरकार है. ऐसे में भ्रष्टाचार का मुद्दा 2024 के चुनाव में बीजेपी के लिए कितना प्रभावी होगा? ये भी देखने वाली बात होगी.

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